Friday 13 February, 2009

फ़िर कहानी शुरू हो गई...


फ़िर कहानी शुरू हो गई,
जिंदगानी शुरू हो गई...

दूध के दांत टूटे ना थे
और जवानी शुरू हो गई...
पहले टाँके खुले भी ना थे,
छेड़खानी शुरू हो गई...

जब परीक्षा की आई घड़ी,
नींद आनी शुरू हो गयी

जब से माँऐके से आई है वो,
परेशानी शुरू हो गयी....
फ़ोन साले का आया ही था,
मेजबानी शुरू ही गयी...

जिंदगी मौत से जब मिली,
खींच -तानी शुरू हो गयी॥




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