Sunday 15 February, 2009

प्रकाश बादल को कोटि-कोटि धन्यवाद

बादल मेरी छत से गुजरा जो एक बार,
उजड़े हुए चमन मैं आई नई बहार,
सच मानिए ! ये प्रकाश 'बादल' का प्रयास है जो मुझे अपने विचार व्यक्त करने का साहस हुआ!वैसे में उनकी गजलों का मुरीद हूँ!वो मीटर में हो या न हो उनका असर हजारों किलो -मीटर तक है ! बादल जी को कोटि -कोटि धन्यवाद.....

1 comment:

  1. Beautifully written. I came across your blog by accident and i am happy it happened. I enjoyed reading your blog.


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